Bureau Chief Amit Gupta Reports
Postreports Desk Team
वाराणसी। हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक होली पूरे देश में 29 मार्च सोमवार को मनाई जाएगी। इससे पहले 28 मार्च रविवार को होलिका दहन की परंपरा है। रीति की अनुसार, रविवार शाम को पूर्णिमा पर रात को होलिका का दहन होगा। विद्वानों के अनुसार, भद्रा दिन में 1 बजकर 33 बजे समाप्त होगी और पूर्णिमा तिथि रात में 12:40 तक ही रहेगी।
ऐसे में भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन शुभ होता है। रविवार रात में 12:30 बजे से पूर्व होलिका दहन करना ठीक होगा, क्योंकि रात में 12:30 बजे के बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होली के दिन चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेगा और मकर राशि में गुरु और शनि विराजमान हैं।
इतना ही नहीं, शुक्र और सूर्य मीन राशि में हैं। होली दहन का मुहूर्त रविवार शाम 6:21 बजे से रात 8:41 बजे तक है। पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को सुबह करीब 3:30 बजे से 29 मार्च की रात करीब 12.15 बजे तक रहेगी।
2 घंटे 20 मिनट तक रहेगा होलिका दहन का मुहूर्त
वहीं, पंचांग के अनुसार रविवार शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट तक होलिका दहन का मुहूर्त होगा। इस तरह 2 घंटे 20 मिनट तब होलिका दहन का मुहूर्त रहेगा। विद्वानों का कहना है कि इसी मुहूर्त में होलिका दहन करना अत्यंत शुभ है।
होलिका दहन के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त।...
अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 7 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक।
अमृत काल - सुबह 11 बजकर 4 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4 बजकर 50 मिनट से सुबह 5 बजकर 38 मिनट तक।
सर्वार्थसिद्धि योग - सुबह 6 बजकर 26 मिनट से शाम 5 बजकर 36 मिनट तक। इसके बाद शाम 5 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 6 बजकर 25 मिनट तक।
अमृतसिद्धि योग - सुबह 5 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च की सुबह 6 बजकर 25 मिनट तक।