Bureau Chief Amit Gupta Reports
Postreports Desk Team
वाराणसी। महादेव और पार्वती की शादी के बाद काशीवासी अब उनके गौने की खुमारी में डूबने के लिए तैयार हैं। बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के गौने की 356 वर्ष पुरानी परम्परा का निर्वाहन 24 मार्च को होगा। उसके पहले 21 मार्च से ही गौने की रस्में महंत आवास पर शुरू हो जाएंगी। महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि हर वर्ष बाबा विश्वनाथ की पालकी पर उड़ाने के लिए मथुरा से गुलाब की पंखुड़ियों से बनी 51 किलो अबीर को मंगाया जाता था.
पर इस वर्ष 151 किलो हर्बल अबीर मंगायी गयी है। बाबा के गौने और रंगभरी एकादशी पर होने वाले कार्यक्रमों के सम्बंध में महंत कुलपति तिवारी ने आज अपने नवीन आवास टेढ़ीनीम पर पत्रकार वार्ता कर जानकारी दी। महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि काशी की लोक परम्परा के अनुसार महाशिवरात्रि पर महादेव और महामाया के विवाह के बाद रंगभरी एकादशी की तिथि पर भगवान शंकर माता गौरा का गौना करवाते हैं। इस उपलक्ष्य में महंत आवास इस वर्ष 21 मार्च से माता के मायके में तब्दील हो जाएगा। इस वर्ष यह परम्परा 357वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।
21 मार्च को गीत गवना से होगी शुरूआत।
महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बताया कि 21 मार्च से गीत गवना की रस्म से इस चार दिवसीय उत्सव की शुरुआत होगी। इसके बाद अगले दिन माता की तेल-हल्दी की रस्म की जायेगी। 23 मार्च को बाबा भोलेनाथ ससुराल आएंगे।
अंकशास्त्री कराएँगे सभी धार्मिक अनुष्ठान।
महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि इस वर्ष होने वाले समस्त धार्मिक अनुष्ठान अंकशास्त्री पंडित वाचस्पति तिवारी के संयोजकत्व में महंत परिवार के सदस्यों द्वारा किए जाएंगे। 24 तारीख को ब्रह्ममुहर्त में मुख्य अनुष्ठान की शुरुआत होगी। मंगल बेला में 4 बजे बाबा का 11 ब्राह्मणों द्वारा रुद्राभिषेक होगा। सुबह 6 बजे बाबा को पंचगव्य से स्नान कराया जाएगा।
महंत परिवार करेगा लोकाचार।
महंत ने बताया की रंगभरी एकादशी के दिन सुबह 6 बजे बाबा का षोडशोपचार पूजन होगा और महंत परिवार के सदस्यों द्वारा लोकाचार किया जाएगा। 9 बजे से बाबा का श्रृंगार आरम्भ होगा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बाबा की आँखों में सजने के लिए बाबा विश्वनाथ के खप्पर से काजल आएगा।
माता अन्नपूर्णा के मुख्य विग्रह से आएगा गौरा के माथे का सिंदूर।
इसके अलावा माता गौरा के मस्तक पर सजने के लिए माता अन्नपूर्णा के मुख्य विग्रह से सिन्दुर लाया जाएगा। बाबा को इस वर्ष नवीन महंत आवास के भूतल में विराजमान कराया जाएगा जहां शिवांजलि कार्यक्रम का आयोजन 24 मार्च को होगा, जिसमें पद्मश्री राजेश्वर आचार्य प्रस्तुति देंगे।